ग्रुप - डी
ग्रुप-डी कहानी है देश क हर युवा की जिसनै आपणे सपना क साथ समझौता करना पड़े सै और द......more
ग्रुप-डी कहानी है देश क हर युवा की जिसनै आपणे सपना क साथ समझौता करना पड़े सै और दूसरी तरफ या कहानी महिला सशक्तिकरण नै सार्थक करदी नज़र आवै सै। संघर्ष, प्रेम आर बदलाव की कहाणी सै, “ग्रुप-डी”।
Episode 1
रेल म्ह ऊँट
16 m
या गाम क छोरे 'महेश' की कहाणी सै जो उस भीड़ का हिस्सा सै जिसके जीवन का आखरी लक्ष्य सरकारी नौकरी पाना सै।महेश शहर मं रहकी सरकारी नौकरी खातर शहर मं तैयारी करै तो देखियो के महेश नै नौकरी मिलेगी।
Episode 2
भर्ती
20 m
महेश सारी कोशिसाँ क पाछे शहर तँ गाम में आ ज्या सै आर फेर हरियाणे मं “ग्रुप-डी” की 18000 स घणी भर्ती निकली जिसमं फार्म भरण खातर उसकी भाभी उसने किसे तरिया मनवा ले सै।
Episode 3
बहाली
22 m
महेश नै जाणा पड़ै सै अपणी भाभी क घर आर उसनै उड़े जाण तँ हो सै दिक्कत आर दूसरी दिक्कत सै उसकी पंचायत घर का क्लर्क उर्फ़ बाउजी।
Episode 4
बिस्कुट भुजीया
25 m
पारो सै बहोत स्वतंत्र छोरी आर उसनै समाज का बनवाड़ा नियम घणा पसंद ना सै आर वा आपणै शर्तां पाई जीवै सै तो देखियो के वा जी पावैगी आपणी शर्तां पै।
Episode 5
नीली चादर आला
16 m
महेश क जीवन में एक लंबे टेम के पाछे किमी ख़ुशी आई सै तो इस एपिसोड मं थाम देखोगे पहली बार महेश क चेहरे पै मुस्कान।
Episode 6
ग्रुप - ए
17 m
महेश की ज़िन्दगी मं फेर उदासी छागी सै आर उसका कारण सै पारो आर पारो का पापा। और देखियो इसमं रखे सै पारो महेश क आगे एक शर्त।