मेरे यार की शादी
यारी दोस्ती जमा टॉफी जैसी है। बालक एक बार मुट्ठी में दाबले तो छोड़ा नहीं करता बस......more
यारी दोस्ती जमा टॉफी जैसी है। बालक एक बार मुट्ठी में दाबले तो छोड़ा नहीं करता बस या कहानी भी इसी ही दोस्ती की है जिसमें दोस्ती है। भाईचारा है रिश्ते नाते हैं और मेरे यार की शादी है या कहानी विशु और कांटे की दोस्ती की है। छोटे-छोटे गांव मै जमीन और सरकारी नौकरी किसे भी इंसान की जिंदगी ने कितना बदल सकता है वा या कहानी बताएगी। विशु हरियाणा के गामा में रहन आले हर उस छोरे के जैसा है जो स्वभाव के चंचल और दिल के साफ है। जिनके लिए दुनिया में चाहे कुछ भी बदल जाए पर दोस्त और दोस्ती वैसे ही रहती हैं तो आओ
Episode 1
पीली चिट्ठी
12 m
बचपन के दोस्त कट्टा अर विशु की कहानी है | बचपन की या दोस्ती कई नए पड़ाव पर करती हुई आज नए मुकाम आ ली स अर मुकाम से कट्टे का ब्याह जैसा कि पहले एपिसोड का नाम है पिलीचीठी नु कहा करे घर मे पीली चिठी का आना मतलब, ब्याह का रंग चा चढ़ जाना, बस इब यो रंग कट्टे पर अर उसके दोस्त विसु पे चढ गा । कहा करे ब्याह में यार दोस्तों के बिना बन्दड़े न कोई न पूछता । चलो देखा भाई किसा रंग चढ़ावे गी या पीली चिट्ठी ।
Episode 2
बटन
12 m
जिस तरिया ब्याह आगे बढ़ है, सीधी सी बात से , रीतिरिवाज भी शुरू होवेंगे, कपड़े लत्ते लें देंन का हिसाब किताब भी शुरू हीवे गा, पर विशु न तो यार की शादी का रंग चा से, बस ईसी बाता त विशु का बाबू विशु त खफा हैं । मतलब कट्टे पटवारी स , विशु के सिर प बेरोजगारी स। बाबू फेक्टरी का दरबारी स, देखते हैं पटवारी की यारी सर रोजगार की तैयारी कितनी होवे स
Episode 3
तम्बू का तिरपाल
12 m
रस्म रिवाज शुरू हो गए छोरा बेठ गया बान, dj नारद के पीछे रहन आला था उसने भी लगा दी dj की तान, इतिहास गवाह है जब हरयाणवी ब्याह में dj बजा है, ब्याह में रोला तब तब उसने मचाया स, और इस रोल में दारू का भी पूरा योगदान होवे हैं। पी के दारू घने माचे स एड्डी तोड़ नाचे स । जो पीके दारू बहक जा स जल्दी ए बेज़ज़्ज़ती भी फील कर जा स, ये बात उस वक्त ही जब dj बज रा था विशु नए लते पहर के जमा जच रा था, छोरी गेल ठुमका जोर त लग रा था, इसे बात मार दी किसे न भांजी , कट्टे के चढ़ री थी, बस फिर के था कट्टे न करदी विशु पे च
Episode 4
अपशगुन
12 m
जब यार की यारी हैं हो पक्की, जल्दिये टूट जा स कट्टी, बस यही बनी विशु गेल वो जान गा था यो सारा कर धरा दारू का था, न नु के रूस मनाई हो या कर स। , कह कर ह बिना रूसा मनाई के ब्याह भी पूरे न होय कर स। बस फेर के भुल को दोनु सारी बात, इब आ गी निकासी अली रात । पर होनी न कौंन टाल सके स , गुडचडी का रंग चा चढ़ र था, ढोल दबाके बज रा था, आयी छोरी आला त खबर, उनके बूढ़ा एक गुजर गा था। अर माहरे हरियाणा में जे किसे काम जे कीमे गलत हो जा स न, त गम चाची ताई , बुआ कोई न कोई इसी पा ज से , जो तुरन्त इस तरिया की बात न
Episode 5
बारात
18 m
लो भाई बड़े बूढे का त टेम आ लिया था, पर किसे न नु न सोची थी अक घुड़चढ़ी अले दिन या होणी होनी थी। बस जो होगा सो होगा बुरा बख्त के किसे के हाथ मे होवे स कोई न यार की शादी तो होणी थी अर बारात भी चढ़नी थी , पर इब बारातिया की गिणती होनी थी कौंन जावेगा अर कोण बारातियों में जगह पावेगा सबते बड़ा सवाल योये था हर कोई बारात में जान की स्कीम लगा रा था, फेर बन्न लाग गी बारातियों की लिस्ट । जो जो उस पंचायत में बैठा था वो इसे हो रा था जुकर जने उसका रिजल्ट आना हो । लिस्ट भी लग ली अर रिजल्ट भी आ लिया जिसका लिस्ट मे