बींद बणूंगो घोड़ी चढूंगो
गोपाळ अर खुसबू चावै करणो एक दूजा सूं ब्याव। पण इण प्रेम में बाधा है बींदासर गांव......more
गोपाळ अर खुसबू चावै करणो एक दूजा सूं ब्याव। पण इण प्रेम में बाधा है बींदासर गांव री ब्याव करण ख़ातर सरकारी नौकरी री बाध्यता। काईं गोपाळ कर पावैळा सरकारी नौकरी नामक इण बाधा ने पार? अर काईं हो पावैला गोपाळ अर खुसबू को ब्याव?

Episode 1
सरकारी बींद
25 m
आपरै प्रेम खुसबू ने पावण वास्तै, गोपाळ ने हासिळ करणी है सरकारी नौकरी। पण नौकरी रे इम्तेहान रै दिन पेपर व्है ग्यो लीक। अब काईं होवैला गोपाळ रो? नौकरी अर खुसबू मिल पावैगी या नी?

Episode 2
एक से भली दो
29 m
गोपाळ अफ़सर बणसी या हवलदार? अर दोनों ही नी बण पायो तो कीकर होवैला वाकों ब्याह? काईं रमेश ले जावैला खुसबू री डोळी?

Episode 3
ना नौकरी ना छोकरी
26 m
"खुसबू अब काईं करसी? एक तरफ़ है बाप री सरकारी जंवाई आळी जिद और दूजी तरफ़ गोपाळ रै जीवन में आयगी है एक और छोरी। अबै इण प्रेम कहाणी में खुसबू रो प्यार जीतैळा या सरकारी नौकरी? "

Episode 4
पंचा रो फ़ैसलो
24 m
पंचायत लगाय दी है गोपाळ रे माथै पाबन्दी। अब उणरी प्रेम कथा किकण आगे बढ़सी? किकण मिळसी व्है एक-दूजा सूं?

Episode 5
कुंवारा आंदोलन
29 m
कुंवारा छोरों रौ ओ अनोखो आंदोलन काईं सबनै बींदणी दिला देवैला? काईं सरकारी नौकरी सुनैळा कुंवारा री पुकार?

Episode 6
आखातीज
27 m
आखातीज व्हैला आख़री मौकों खुसबू ने पावण रौ। पण काईं कुंवारा पार्टी रा लोग पूगा देवैळा उनै मण्डप माय? आपरैई कुंवारा आंदोलन में फंसियौ गोपाळ, काईं बण पावैळा बींद या रै जावैळा कुंवारों?