हरियाणे तै बेशर्मी बाहर बगा दयूंगा (हरियाणवी)
इस रागणी म्हं कवि नै आह्वान करया है के एक इसे हरियाणा का निर्माण हो जिसमै हर आदम...पूरा देखें
इस रागणी म्हं कवि नै आह्वान करया है के एक इसे हरियाणा का निर्माण हो जिसमै हर आदमी की आंख्याँ म्हं शर्म लिहाज़ हो, बुआ बाहण के रिश्ते की कद्र हो और सब खुशहाल हों।