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माँ री, घर कितनी दूर है बता दे नै

माँ री, घर कितनी दूर है बता दे नै (हरियाणवी)

संजीत ने इस कविता में उन लोगों का ज़िक्र किया है, जो इस लोकडाउन चलते पैदल चल कर अ...पूरा देखें

अज्जो पिंगला भरथरी बिन तेरे बेचैन हीर राँझा सांग मुकलावो लापता भाईचाराशिवा के राम भूमिवीर किसान