माँ री, घर कितनी दूर है बता दे नै (हरियाणवी)
संजीत ने इस कविता में उन लोगों का ज़िक्र किया है, जो इस लोकडाउन चलते पैदल चल कर अ...पूरा देखें
संजीत ने इस कविता में उन लोगों का ज़िक्र किया है, जो इस लोकडाउन चलते पैदल चल कर अपने घरों को जा रहे हैं। उनमें बच्चे और बूढ़े सभी प्रकार के लोग हैं तो ऐसे ही एक बच्चे की व्यथा को प्रकट करते हुए इस कविता को आपके समुख रखा गया है।