सावित्री लाड़ आखरी करले (हरियाणवी)
इस रागणी म्हं उस वक़्त का जिक्र है जब सत्यवान का अंतिम समय आग्या तो वो अपनी पत्त्...पूरा देखें
इस रागणी म्हं उस वक़्त का जिक्र है जब सत्यवान का अंतिम समय आग्या तो वो अपनी पत्त्नी सावित्री नै कहण लाग्या के इब उसका वक़्त आग्या तो तूं अपणे पति के आखरी लाड़ करले और उसनै समझान लाग्या के मेरे मरे बाद तूं ये ये काम करवा दिए।