वक़्त पड़े बिन आत्मदेह का (हरियाणवी)
इस रागणी म्हं कवि नै कृष्ण सुदामा के किस्से म्हं बताया है के आदमी नै जब तक दूसरे...पूरा देखें
इस रागणी म्हं कवि नै कृष्ण सुदामा के किस्से म्हं बताया है के आदमी नै जब तक दूसरे आदमी तै काम ना पडै तब तक उसके भीतर की सच्चाई का बेरा कोनी पाटै। असली प्यारे आदमी का दुख म्हं ऐ बेरा पाट्या करै।