प्रेम नगर (हरियाणवी)
ई कहानी ह सोनू के जे एगो मनचला लइका ह। एकर बिना माई के लइकी के देख रेख एकर बाउ ज...पूरा देखें
ई कहानी ह सोनू के जे एगो मनचला लइका ह। एकर बिना माई के लइकी के देख रेख एकर बाउ जी रौशन करे लें। रोशन के बस एगो सपना ह- हमार लइका पढ़ लिखके ढेर बढ़ियाँ नंबर लावस। इहे खातिर रौशन खाए कमावे ला। पर सोनू एगो भयंकर बीमारी के सिकार हो जाला जेकरा के कहल जाला प्यार। अब सोनू अपना बाऊ जी के सपना पूरा पाई या फेन लइकी के सपना में बझल रही? जाने खातिर देखी।