मेरे यार की शादी (हरियाणवी)
यारी दोस्ती जमा टॉफी जैसी है। बालक एक बार मुट्ठी में दाबले तो छोड़ा नहीं करता बस...पूरा देखें
यारी दोस्ती जमा टॉफी जैसी है। बालक एक बार मुट्ठी में दाबले तो छोड़ा नहीं करता बस या कहानी भी इसी ही दोस्ती की है जिसमें दोस्ती है। भाईचारा है रिश्ते नाते हैं और मेरे यार की शादी है या कहानी विशु और कांटे की दोस्ती की है। छोटे-छोटे गांव मै जमीन और सरकारी नौकरी किसे भी इंसान की जिंदगी ने कितना बदल सकता है वा या कहानी बताएगी। विशु हरियाणा के गामा में रहन आले हर उस छोरे के जैसा है जो स्वभाव के चंचल और दिल के साफ है। जिनके लिए दुनिया में चाहे कुछ भी बदल जाए पर दोस्त और दोस्ती वैसे ही रहती हैं तो आओ