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कविताओं का सार

टोटा नफ़ा कर्म का हो सै सावित्री लाड़ आखरी करले कहै लख्मीचंद समय के कारण हाल म्हारे देश का माड़ी सी पुराणी बात एक तरफ़ा प्यार मन की सोची बनती कोन्या वक़्त पड़े बिन आत्मदेह का साचम साच बता लीलो तेरे बीरा की मरोड़ मेरे ठोसे पैआज का गाबरूहरियाणे का नाश कर दियासुन लाड़ले, ख़ाकी आले ख़ाक कोनी माँ री, घर कितनी दूर है बता दे नै भारत की सैर चाल्या देख्यामार नशे की गुरु की बातमान बावलेशुरुआत तो कर लाड़लेसरपंची के इलेक्शन मं दारु तेरे के खाज हैम्हारी भी एक क्लासमेट होया करदी कहानी भोलू के मर्द होण कीजिसकी गेल्या खेल्या उसते लठ बजावे सSTAGE ऐप होणी चाहिए इब्ब सबके फ़ोन मंसरपंची के इलेक्शनअनपढ़ बेटीवक्त बदल गया, तू भी बदल जाआजाद हिंद की नारी सूंहरि की भूमि हरियाणाइसा म्हारा संसार हो इसी तिसी दोनुआ की होई तो प्यार होयापहल्ड़ी लुगाइयां के नाम म्हारी बोली म्हारी सैजिंदगी की रेल न चैन खींचके डाट रे सांदान दहेज के मोटे चालै बेटा तू कद आवैगा सांग चापसिंह सोमवती हीर राँझा सांग एक तरफ़ा प्यार